हालांकि करीब 42 फीसदी सीईओ का मानना है कि 2019 में वृद्धि में सुधार हो सकता है लेकिन यह 2018 के 57 फीसदी के मुकाबले काफी कम होगा। विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ने वर्ष 2011 से ही 4 फीसदी के आंकड़े को पार नहीं किया है। वर्ष 2008-09 की आर्थिक मंदी के बाद से ही मध्यम अवधि (तीन वर्ष) में वृद्धि का भरोसा स्तर सबसे निचले स्तर पर चला गया है। वैश्विक स्तर पर महज 36 फीसदी सीईओ ही अगले तीन सालों में अच्छी वृद्धि की संभावनाओं को लेकर ज्यादा आश्वस्त हैं जबकि 2009 में 34 फीसदी सीईओ को ऐसा भरोसा था। इसका असर भारत पर भी पड़ सकता है क्योंकि भारत में निवेश पर बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद करने वाले सीईओ की तादाद कम है जबकि 2019 में कहां निवेश किया जाए इसको लेकर अनिश्चितता की स्थिति में रहने वाले सीईओ की तादाद ज्यादा है।
पीडब्ल्यूसी ने 90 से अधिक देशों में सितंबर-अक्टूबर 2018 के दौरान 1,378 वैश्विक सीईओ का सालाना सर्वे किया। इस सर्वे को दावोस में विश्व आर्थिक मंच में सोमवार को पेश किया गया। एशिया प्रशांत क्षेत्र में जहां भारत, चीन और जापान जैसे देश हैं वहां वृद्धि की राह में तीन सबसे बड़ा खतरा 'व्यापार युद्ध', 'प्रमुख कौशल की उपलब्धता' और 'संरक्षणवाद' है। उत्तरी अमेरिका के करीब 31 फीसदी सीईओ का मानना है कि शिक्षा और रोजगार के बीच में सीधी कड़ी तैयार करना अहम है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में महज 11 फीसदी सीईओ ही इस तरह सोचते हैं।
उत्तरी अमेरिका में 31 फीसदी सीईओ कौशल विकास और दोबारा प्रशिक्षण देने को अहमियत देते हैं जबकि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 50 फीसदी सीईओ इसे तवज्जो देते हैं। वर्ष 2018 में नीतिगत अनिश्चितता को कोई गंभीर खतरा नहीं बताया गया लेकिन 35 फीसदी सीईओ का मानना है कि इससे 2019 में वृद्धि बुरी तरह प्रभावित होगी। 2019 के सर्वे में पहली बार 'व्यापार युद्ध' के असर के बारे में भी पूछा गया था और 31 फीसदी वैश्विक सीईओ को उम्मीद थी कि इससे आने वाले साल में वृद्धि दर कम होगी।
चीन की वृद्धि के लिए अमेरिकी बाजार की अहमियत 2019 में कम होगी क्योंकि चीन के21 फीसदी सीईओ का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया 2019 में उनकी वृद्धि के लिए अहम होगा जबकि 17 फीसदी सीईओ का मानना है कि अमेरिका उनके लिए अहम होगा। वर्ष 2017-18 में 58 फीसदी सीईओ ने चीन की वृद्धि में योगदान देने वाले देशों में अमेरिका को शीर्ष स्थान दिया।
Source: Business Standard
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